बंगाल में कब, क्यों, कहां और कैसे हुई हिंसा? यहां जानें, ममता सरकार को हाईकोर्ट से झटका

यह मामला क्या है, जिसे लेकर प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठे? इस मामले में चेहरे कौन से हैं? पूरा घटनाक्रम कहां और कब-कब हुआ? मामले में हिंसा क्यों और कैसे भड़क उठी? आइये जानते हैं...

Apr 12, 2025 - 23:34
Apr 13, 2025 - 19:31
बंगाल में कब, क्यों, कहां और कैसे हुई हिंसा? यहां जानें, ममता सरकार को हाईकोर्ट से झटका
बंगाल में कब, क्यों, कहां और कैसे हुई हिंसा? यहां जानें, ममता सरकार को हाईकोर्ट से झटका
पश्चिम बंगाल में बीते कुछ दिनों से हिंसा का दौर जारी रहा। इसमें तीन लोगों की मौत हुई, जबकि कुछ घायल भी हुए हैं। अब पुलिस ने इसे लेकर सख्त कार्रवाई भी शुरू कर दी है। कुल 110 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, वहीं अन्य उपद्रवियों को पकड़ने के लिए भी राज्यभर में छापेमारी की जा रही है। 


दूसरी तरफ शनिवार शाम को पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश जारी कर दिया। उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार और केंद्र से जवाब मांगा है। मामले पर 17 अप्रैल को आगे की सुनवाई होगी। 




यह मामला क्या है, जिसे लेकर प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठे? इस मामले में चेहरे कौन से हैं? पूरा घटनाक्रम कहां और कब-कब हुआ? मामले में हिंसा क्यों और कैसे भड़क उठी? आइये जानते हैं...

मामला क्या है?

वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी से कानून बन चुका है। केंद्र सरकार ने इसे लागू करने की अधिसूचना भी जारी कर दी। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड, सुन्नी वक्फ काउंसिल समेत कई संगठनों इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर देश में अलग-अलग जगह प्रदर्शन हुए हैं। पश्चिम बंगाल में इसी से जुड़े प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं।  हिंसा की इन घटनाओं के बाद हुई पुलिस कार्रवाई में 110 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।  

हिंसा कैसे भड़की?

विरोध की शुरुआत: वक्फ संशोधन विधेयक जब संसद में पेश हुआ उस वक्त ही पश्चिम बंगाल में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। 
प्रदर्शन ऐसे हिंसक हुए:  विधेयक के कानून बनने के बाद प्रदर्शन और तेज हो गए। 8 अप्रैल को इसने हिंसक रूप ले लिया। 

हिंसा भड़की क्यों?

1. पहला दौर: 8 अप्रैल को मुर्शिदाबाद से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान मार्च जंगीपुर से उमरपुर की ओर बढ़ा, पुलिस ने उन्हें रोका। कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई। इसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की। कुछ वाहनों को आग के हवाले किया गया। पुलिस पर पत्थरबाजी हुई। जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। देखते ही देखते हिंसा मुर्शिदाबाद के बनियापुर और उमरपुर तक फैल गई, जहां कई घरों में भी तोड़फोड़ हुई।
 

2. दूसरा दौर: शुक्रवार 11 मार्च को जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे और वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी दौरान उन्होंने फिर नेशनल हाईवे-12 पर जाम करने की कोशिश की। स्थिति को काबू करने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी कर दी। कई पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया गया और सार्वजनिक बसों में भी तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। इस बार उपद्रवियों ने पुलिस पर बम फेंकने भी शुरू कर दिए। इसके चलते पुलिसकर्मियों को पास की मस्जिदों में शरण लेनी पड़ी। बाद में जिला प्रशासन को स्थिति काबू में करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की मदद लेनी पड़ी।

हिंसा का यह दौर पड़ोस के जिलों में भी फैल गया। मालदा में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिए और ट्रेनों की आवाजाही रोक दी। न्यू फरक्का से अजीमगंज के सेक्शन पर ट्रेनों को पूरी तरह रोक दिया गया। कुछ जगहों पर ट्रेनों पर हमले की खबर भी आई। इसके बाद दो ट्रेनें रद्द हुईं और पांच के रास्ते बदल दिए गए। रेलवे स्टेशन में भी तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। 

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